Tuesday 23 July 2013

"पटवारी ई चौपाल

"पटवारी ई चौपाल ",पटवारियो के द्वारा, पटवारियो के लिए एक आदर्श मंच है, जहां न सिर्फ पटवारियो कर्तव्यो से संबन्धित पोस्ट मिलेगा, बल्कि पटवारी साथियो को वर्तमान परिस्थितियो के अनुरूप अपडेटेड जानकरिया जिससे वे जागरूक हो कर जागरूकता फैला सके संबंधी जानकारिया एक ही मंच पर प्राप्त हो सकेगी। इसमे पटवारी साथी अपनी समस्यायों के संबंध मे चर्चा आदि भी कर सकते हैं....
https://www.facebook.com/groups/432259176810061/

Thursday 18 April 2013

मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम मे अविवादित नामांतरण, बटवारा, सीमांकन आदि शामिल

मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत राजस्व विभाग के निम्न सेवाए शामिल कर दी गयी हैं :

1॰ अविवादित नामांतरण
2. अविवादित बटवारा
3. सीमांकन
4. आरबीसी 6(4) के प्रकरण
5. इसके अलावा अन्य सेवाएँ......

अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कीजिये...http://govtpressmp.nic.in/pdf/extra/2013-04-10-162.pdf

Friday 14 December 2012

निलंबन(पटवारी हैंडबूक)

निलंबन:मध्यप्रदेश भू-अभिलेख नियमावली भाग एक, अध्याय एक - पटवारियों की नियुक्ति, योग्यताएं तथा दंड सम्बन्धी हिदायतें के अंतर्गत नियम 10(1). - उप-सम्भागीय अधिकारी किसी भी पटवारी को लिखित आदेश द्वारा निलंबित कर सकेगा। इसी प्रकार तहसीलदार तथा अधीक्षक भू-अभिलेख किसी भी पटवारी को जांच चलने तक निलंबित कर सकेगा किन्तु उसे निलंबन के तथ्य तथा दिनाँक की सूचना उप-संभागीय अधिकारी को तुरंत देनी होगी।  
सामान्य प्रशासन विभाग म. प्र. के अधिसूचना परिपत्र क्र. सी-6-7/92/3/1 दिनाँक 30-1-1992 के अनुसार निलंबन करते समय म. प्र. सिविल सेवा(वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9(2)(क) के अनुसार वे आधार स्पष्ट रूप से दर्शाए जाना चाहिए कि जिनके कारण निलंबित किया जाना है। कर्मचारी को वे आधार-विवरण आरोपों के जो दस्तावेजों या  साक्षियों के द्वारा प्राथमिक दृष्टि मे अतिरिक्त जाँच योग्य पाये जाते हैं की सूची की एक प्रति निलंबन आदेश के दिनाँक से 45 दिन के भीतर या राज्य सरकार अनुशासनिक प्राधिकारी होने पर 90 दिन के भीतर प्रदाय की जाना चाहिए। ऐसे आधार सहित आरोपपत्र कालावधि उक्त नियत की गई मे नहीं दिये जाने पर निलंबन आदेश स्वतः समाप्त हुआ समझा जायगा। किन्तु उक्त अवधि राज्य शासन के आदेश से केवल 90 दिन की और भी बढ़ाई जा सकती है। राज्य सरकार को तो आरोपपत्र 90 दिन कालावधि मे जारी करना अनिवार्य है अन्यथा निलंबन आदेश खंडित या रद्द हो जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग म. प्र. के अधिसूचना परिपत्र क्र. सी.- 6-2/92/3/1 दिनाँक 20-5-1992 के अनुसार निलंबन आदेश स्वतः रद्द होने पर ऐसी अवधि समस्त प्रयोजनों के लिए सेवाकाल ही समझा जायगा किन्तु आपराधिक मामलो मे यह बात लागू नहीं होगी। निलंबन आदेश के विरुद्ध अपील अधिसूचना क्र. सी.- 5-6-87-3-XLIX- दी. 1-10-1988 द्वारा आदेश या माने गए आदेश के विरुद्ध आदेश के 45 दिनो के भीतर या विलंब क्षमा हेतु पर्याप्त कारणों से आवेदन के साथ  म. प्र. भू - राजस्व संहिता, 1959 की धारा 44(1)(2) के अधीन अपील  अपीलीय प्राधिकारी के पास पेश की जा सकती है। 

Thursday 6 December 2012

खुशखबरी... खुशखबरी... खुशखबरी...

खुशखबरी... खुशखबरी... खुशखबरी... 

Patwari Abhimatमध्यप्रदेश जागरूक पटवारी संघ की मासिक पत्रिका "पटवारी अभिमत" के पाठको एवं मध्यप्रदेश जागरूक पटवारी संघ के सदस्यों के लिए खुशखबरी - "आपकी अपनी पत्रिका "पटवारी अभिमत" जनवरी 2013 से नए कलेवर मे बहुरंगीय पृष्ठो के साथ 36 पृष्ठ की होगी।"
                       मध्यप्रदेश जागरूक पटवारी संघ के सदस्यों को पत्रिका पूर्व की भांति नि: शुल्क मिलती रहेगी। 

                      यदि आप पटवारी अभिमत के सदस्य बनना चाहते हैं तो आप निम्न वेब एड्रैस पर क्लिक कर सदस्यता फॉर्म भर सकते हैं - 

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म० प्र० जागरूक पटवारी संघ मे सदस्यता हेतु आवेदन पत्र

कृप्या  सदस्यता हेतु नीचे दिये लिंक पर क्लिक करें... 

पटवारियों की ऑनलाईन भर्ती परीक्षा के लिए मध्यप्रदेश को मंथन साउथ एशिया अवार्ड(पटवारी अभिमत)


पटवारियों की ऑनलाईन भर्ती परीक्षा के लिए मध्यप्रदेश को मंथन साउथ एशिया अवार्ड: मध्यप्रदेश को पटवारियों की भर्ती के लिए ली गयी ऑनलाइन परीक्षा के सफल संचालन के लिए प्रतिष्ठित मंथन अवार्ड साउथ एशिया एण्ड एशिया पेसिफिक 2012 प्राप्त हुआ है। ई-गवर्नेन्स श्रेणी में प्रदेश को यह पुरस्कार वर्ष 2012 के लिए मिला है। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए मध्यप्रदेश का चयन 16 सदस्यीय जूरी द्वारा किया गया। जूरी में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, प्रतिष्ठित प्रोफेशनल, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। 
मध्यप्रदेश सरकार के उपक्रम एमपी ऑनलाइन के लिए यह पुरस्कार एमपी ऑनलाइन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर श्री प्रमोद भार्गव ने शनिवार को दिल्ली में एक समारोह में प्राप्त किया। यह पुरस्कार दक्षिण एशिया और एशिया प्रशांत क्षेत्र के 36 देश में ई-कन्टेन्ट, सृजनात्मकता तथा डिजिटल इनोवेशन के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए दिया जाता है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष मार्च में देश में पहली बार मध्यप्रदेश में एमपी ऑनलाइन ने पटवारी भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा ली। एक लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए। कुल रिक्त पद 2,742 थे। प्रक्रिया के सत्यापन के बाद 85 हजार आवेदक ने भाग लिया। पूरी ऑनलाइन प्रक्रिया सिर्फ 55 दिन में पूरी हो गयी।
यह प्रक्रिया इतने सुगम और पारदर्शी ढंग से की गयी इसमें एक भी प्रकरण न्यायालय में नहीं गया।


WINNER of Manthan Award South Asia & Asia Pacific - 2012

Project Title : Online Assessment Examinations for Patwari Recruitments
 
Category : e-Governance
 
Producer : MPONLINE LIMITED
 

While the manual system saw corruption charges, the presentonline exam was conducted smoothly, without any hitchesand in the most transparent manner.
 
The PatwariOnlineAssessment System came into existence in 2012 to free the system from the existing corruption and to ensure a smooth examination process. The goal is to conduct the Patwari exams corruption free, efficient and to provide a live example to the other Government departments.The application introduced transparency in the recruitment system as well as into the handling of RTI Queries of the candidates post exams in an effective way. It further presents an equal platform to the candidates with regard to the verification of credibility before the candidates appear for the actual exams.The entire project was envisioned to ensure transparency and smooth functioning of the entire recruitment process. Patwari Exams were held by paper and pencil mode in the year 2008 where over 1.5 lakh candidates appeared. However in the year 2011 the number of candidates has reduced due to certain technology certifications that were a part of the filtration criteria. While the manual system saw corruption charges, the present online exam was conducted smoothly, without any hitches and in the most transparent manner. As such, till now there is not even a single legal case against the recruitment process. In previous exams,the efforts put in by the department were huge thereby hampering of the normal functioning of the department.

Sunday 2 December 2012

अनुशासनात्मक/न्यायालयीन कार्यवाही के दौरान पदोन्नति प्रक्रिया के मार्गदर्शी सिद्धांत जारी(पटवारी हैंडबुक)

अनुशासनात्मक/न्यायालयीन कार्यवाही के दौरान पदोन्नति प्रक्रिया के मार्गदर्शी सिद्धांत जारी

राज्य शासन ने शासकीय सेवकों के लिये लम्बित अनुशासनिक कार्यवाही के दौरान उनकी पदोन्नति, स्थायीकरण आदि प्रक्रिया के संबंध में मार्गदर्शी सिद्धांत निर्धारित किये हैं। शासन के सभी विभाग, अध्यक्ष राजस्व मण्डल, ग्वालियर, विभागाध्यक्ष, संभागीय आयुक्त, कलेक्टर तथा समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को जारी निर्देशों का पालन कड़ाई से सुनिश्चित करने को कहा है।
   शासन के शासकीय सेवकों के विरुद्ध लम्बित अनुशासनात्मक/न्यायालयीन कार्यवाही के दौरान उनके प्रकरणों में विभागीय पदोन्नति समिति के निष्कर्ष मोहरबंद लिफाफे में रखे जाने के निर्देश हैं। ”इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने स्पष्ट किया है कि नीचे लिखे उल्लेखित बंद लिफाफे की प्रक्रिया केवल ऐसे शासकीय सेवकों के लिये अपनाई जायेगी, जिनके विरुद्ध या तो अनुशासनात्मक कार्यवाही के अंतर्गत आरोप-पत्र वास्तविक रूप से जारी कर दिया गया हो या जिनके विरुद्ध अभियोजन-पत्र वास्तव में अदालत में पेश किया गया हो।“
   यह भी उल्लेख किया गया है कि जब किसी शासकीय सेवक की पदोन्नति के लिये उपयुक्तता के संबंध में विभागीय पदोन्नति समिति के निष्कर्ष मोहरबंद लिफाफे में रखे गये हों, तो रिक्ति को भरने के लिये सक्षम प्राधिकारी द्वारा उच्च ग्रेड में इस रिक्ति को स्थानापन्न आधार पर ही भरा जाये। जब शासकीय सेवक को पूर्णतः दोष-मुक्त कर दिया जाता है, तो उस स्थिति में मोहरबंद लिफाफा खोला जायेगा और उसकी पदोन्नति की तारीख, मोहरबंद लिफाफे में रखे गये निष्कर्षों में, उसके लिये निर्धारित क्रमानुसार तथा इस क्रम में उससे ठीक नीचे के कनिष्ठ अधिकारी की पदोन्नति की तारीख के संदर्भ में निर्धारित की जायेगी। ऐसे शासकीय सेवक को यदि जरूरी हो, तो स्थानापन्न आधार पर कार्य करने वाले सबसे बाद में पदोन्नत किये गये व्यक्ति को पदावनत कर पदोन्नत किया जा सकता है।
   इसी प्रकार कतिपय विभागों में शासकीय सेवक को पूर्णतः दोष-मुक्त कर देने के बाद उसकी पदोन्नति में इसलिये विलम्ब होता है, क्योंकि उसके संबंध में सिफारिश बंद लिफाफे में से कारण उस रिक्त पद के विरुद्ध कनिष्ठतम लोक-सेवक की स्थानापन्न पदोन्नति करने के फलस्वरूप रिक्ति उपलब्ध नहीं रहती है। दूसरी ओर कनिष्ठतम लोक-सेवक को पदावनत किया जाता है तो वह न्यायालय की शरण में चला जाता है। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 30 जून, 1994 की कण्डिका-3 (1) के प्रावधान का उल्लेख पदोन्नति समिति बैठक के कार्यवाही विवरण में नहीं होने के कारण ऐसे न्यायालयीन प्रकरण में शासन की ओर से पक्ष समर्थन में कठिनाई होती है।
    यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस स्वरूप के प्रकरणों में विभागीय पदोन्नति समिति के कार्यवाही विवरण में स्पष्ट उल्लेख किया जाये कि 30 जून, 1994 के परिपत्र की कण्डिका-2 (1) में उल्लेखित परिस्थिति के फलस्वरूप यदि किसी शासकीय सेवक के संबंध में सिफारिश बंद लिफाफे में रखी गई हो और उसकी रिक्ति को कनिष्ठतम लोक-सेवक की पदोन्नति से स्थानापन्न रूप से भरा गया हो तो संबंधित शासकीय सेवक के पूर्णतः दोष-मुक्त हो जाने पर उसे तत्काल पदोन्नति दी जायेगी। आवश्यक होगा तो कनिष्ठतम लोक-सेवक को पदावनत किया जायेगा।
    इसके अलावा कनिष्ठतम लोक-सेवक के पदोन्नति आदेश में इस आशय का उल्लेख आवश्यक रूप से किया जायेगा कि परिपत्र दिनांक 30 जून, 1994 की कण्डिका-2 (1) में उल्लेखित परिस्थिति के फलस्वरूप प्रकरण में बंद लिफाफे की प्रक्रिया अपनाई गई है और उसकी रिक्ति को कनिष्ठतम लोक-सेवक की स्थानापन्न पदोन्नति से भरा जा रहा है। संबंधित शासकीय सेवक के पूर्णतः दोष-मुक्त हो जाने पर उसे तत्काल पदोन्नति दी जायेगी तथा आवश्यक पद उपलब्ध न होने पर संबंधित कनिष्ठतम लोक-सेवक को पदावनत किया जायेगा।


Friday 30 November 2012

मंडी निर्वाचन: शासकीय विभागों एवं कर्मियों के लिए आदर्श आचार संहिता(पटवारी हेंडबुक)

मंडी निर्वाचन: शासकीय विभागों एवं कर्मियों के लिए आदर्श आचार संहिता


  मंडी समितियों के निर्वाचन स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से सम्पन्न कराने के लिए आदर्श आचार सहिंता जारी की गई है। मंडी चुनाव से संबंधित सभी शासकीय विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उम्मीदवारों को आदर्श आचार सहिंता का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। यह आचार संहिता अधिसूचना जारी होने की तिथि से 22 दिसम्बर तक प्रभावशील रहेगी।
    शासकीय विभागों एवं कर्मचारियों के लिए जारी आदर्श आचार सहिंता के तहत निर्वाचन घोषणा के तारीख से मंडी निर्वाचन समाप्ति तक चुनाव ड्यूटी में लगाये गये किसी भी अधिकारी कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। शासकीय कर्मचारियों को चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहने के निर्देश दिए गए हैं। यह आवश्यक है कि वे किसी को यह महसूस न होने दें कि वे निष्पक्ष नहीं है। जनता को उनकी निष्पक्षता का विश्वास होना चाहिए तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे ऐसी आशंका भी हो कि वे किसी उम्मीदवार की मदद कर रहे हों।
    चुनाव के दौरे के समय यदि कोई मंत्री निजी मकान पर आयोजित किसी कार्यक्रम का आमंत्रण स्वीकार कर ले तो किसी शासकीय या मंडी समिति में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी को उसमें शामिल नहीं होना चाहिए। यदि कोई निमंत्रण पत्र प्राप्त हो तो उसे नम्रतापूर्वक अस्वीकार करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी सार्वजनिक स्थान पर चुनाव सभा के आयोजन हेतु अनुमति देते समय विभिन्न उम्मीदवारों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। यदि एक ही दिन और समय पर कोई उम्मीदवार एक ही जगह पर सभा करना चाहते हैं, तो उस उम्मीदवार को अनुमति दी जानी चाहिए जिसने सबसे पहले आवेदन-पत्र दिया हो।
    विश्रामगृहों या अन्य स्थानों पर शासकीय आवास सुविधा का उपयोग सभी उम्मीदवारों को समान शर्तांे पर करने दिया जाना चाहिए परंतु किसी भी उम्मीदवार को ऐसे मकान या उसके परिसर का उपयोग चुनाव प्रचार करने के लिए अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। चुनाव के लिए आयोजित आम सभा में कोई भी शासकीय/मंडी व्यय नहीं होना चाहिए। ऐसी सभा में उन कर्मचारियों को छोड़कर जिन्हें ऐसी सभा के आयोजन में कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने या सुरक्षा के लिए तैनात किया गया हो, अन्य कर्मचारियों को शामिल नहीं होना चाहिए। यदि कोई मंत्री चुनाव के दौरान जिले के किसी मंडी क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए क्षेत्र का भ्रमण करें तो ऐसा भ्रमण चुनावी दौरा माना जाना चाहिए और उसमें सुरक्षा के लिए तैनात कर्मचारियों को छोड़कर अन्य किसी शासकीय/मंडी समितियों के कर्मचारी को साथ नहीं रखना चाहिए। ऐसे दौरे के लिए शासकीय/मंडी समिति का वाहन या अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने का उल्लेख आचार सहिंता में किया गया है।
    निर्वाचन की घोषणा से निर्वाचन समाप्त होने तक मंडी निधि या मंडी से संबंधित किसी अन्य निधि के अंतर्गत कोई नया अनुदान या नया निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं करने तथा इस अवधि के दौरान मंडी निधि से संबंधित किसी योजना का शिलान्यास सा उद्घाटन भी नहीं किया जाना चाहिए परंतु यह कि समर्थन मूल्य पर प्रदेश के किसानों से गेेहूॅ का उपार्जन कर समय पर उसके भण्डारण को सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वूर्ण एवं संवेदनशील कार्य है। अतः इस कार्यक्रम के अंतर्गत गेहूॅ के उपार्जन एवं उपार्जित गेहूॅ के भण्डारण के लिए कैप्स आदि के निर्माण की छूट रहेगी। भारत सरकार एवं राज्य सरकार की पूर्व में घोषित/क्रियान्वित योजनाएं जैसे कि बुंदेलखण्ड विशेष पैकेज के अंतर्गत अपेक्षित विभिन्न योजनाएं/निर्माण कार्य जो कि मंडी प्रांगण में कराए जाना हो, की छूट रहेगी। चुनाव के दौरान समाचार-पत्र तथा प्रचार के अन्य माध्यमों से सरकारी/मंडी निधियों के खर्चे पर ऐसा विज्ञापन जारी नहीं किया जाना चाहिए जिसमें चुनाव लड़ने वाले अभयार्थियों की उपलब्धियों को प्रचारित या रेखांकित किया गया हो या चुनाव में अभ्यार्थियों की उपलब्धियों को प्रचारित या रेखांकित किया गया हो या चुनाव में अभ्यार्थियों के हितों को आगे बढ़ाने में सहायता मिलती हो।